सिद्धार्थनगर: आजादी के 75 साल बाद भी सिद्धार्थनगर जिले में अंग्रेजों की जमीनें बरकरार हैं। उनकी जमीनें आज भी सरकारी दस्तावेजों में दर्ज हैं। पिछले तीन सालों में प्रशासन की ओर से की गई गहन जांच में जिले के 45 गांवों में करीब 150 हेक्टेयर जमीन अंग्रेजों के नाम दर्ज पाई गई है। इस मामले में अधिकारियों ने सख्त कदम उठाते हुए आगे की जांच के निर्देश दिए हैं। अब इस जमीन को सरकारी संपत्ति में बदलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
जिला मजिस्ट्रेट पवन कुमार अग्रवाल ने बताया कि यदि किसी ने सरकारी जमीन पर कब्जा किया है या जमीन ब्रिटिश नाम से पंजीकृत है तो इसकी जांच की जा रही है और भविष्य में उपयोग के लिए जमीन को कब्जे में ले लिया जाएगा।
सदर तहसील के 45 राजस्व गांवों की करीब 150 हेक्टेयर जमीन ब्रिटिश नाम से दर्ज है। यह जमीन श्रेणी 3 (पट्टाधारक) में दर्ज है। इसे श्रेणी 3 से हटाकर श्रेणी 6 (राज्य सरकार) में दर्ज किया जाएगा। इसकी रिपोर्ट तहसीलदार ने वरिष्ठ अधिकारियों को सौंप दी है। इस श्रेणी के कई बाग ब्रिटिश नाम से दर्ज हैं और कुछ जमीन नेपाली निवासियों को आवंटित की गई है, जिनका यहां पैतृक निवास नहीं है।
सिद्धार्थनगर जिले की सदर तहसील के करीब 45 गांवों में आज भी ब्रिटिशकालीन जमीनें दर्ज हैं। इस जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा भी कर रखा है। सभी राजस्व अभिलेखों का निरीक्षण करने के बाद करीब 150 हेक्टेयर जमीन चिह्नित कर कई भूखंड आवंटित किए जा चुके हैं। सरकार इन पट्टाधारकों के नाम हटाने की तैयारी कर रही है।
इन गांवों में मिली जमीन:
सदर तहसील ने इन गांवों को किया चिह्नित: बभनी, मधुबनी, दुमदुमवा, चौरासी, छितरापार, रसियावल खुर्द, गुलरिहा, बरगदवा, परानाकर, तुगौरा, थरौली, धौरीकुइयां, पिपरा नायक, पटनी जंगल, सेमरा मिश्र, पतसिया, बड़गो, अजगरा, चोरई, परती बाजार, चौरी देवपुर ग्रांट, महदेइया, पचमा, कटही, बरदाहा, नवादादौंडी, सुगाही, महुआ माफी, पोखरभिटवा, बेलटिकर, देवपुर मस्जिदिया, करमहा, बेलवा, पटखौली, बर्रोहिया, खलासा, करुआवल कला, महनगा, रमवापुर, कौलपुर ग्रांट, खखरा, गढ़मरवा, कोल्हुआ और रुद्रपुर।
तहसीलदार देवेंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि शासन के निर्देश पर ऐसी जमीनों की तलाश की गई है जो अभी भी ब्रिटिश नाम से दर्ज हैं। सदर तहसील ने 45 ऐसे भूखंडों की पहचान की है, जिनमें से कई ब्रिटिश नाम या नेपाली निवासियों के नाम से दर्ज हैं। रिपोर्ट एसडीएम के माध्यम से शासन को भेज दी गई है।