अपशिष्ट पदार्थ को उपयोगी बनाने पर ध्यान देना जरूरी, 'बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट' सीखना समय की मांग: प्रो. कार्यक्रम से विद्यार्थियों, देश के 200 शिक्षकों को मिलेगा प्रशिक्षण
बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अम्बरीश शरण विद्यार्थी के मुख्य आतिथ्य में प्रारंभ हुआ। प्रो. विद्यार्थी ने उत्पाद डिजाइन में स्थिरता, उत्पाद की प्रासंगिकता और अपशिष्ट पदार्थों के उपयोग पर जोर देने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. राहुल राज चौधरी ने कार्यशाला की विषयवस्तु का परिचय देते हुए बताया कि इस कार्यक्रम में देशभर के करीब दो सौ शिक्षकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन प्रतिभागियों को एआईसीटीई की ओर से ऑनलाइन प्रशिक्षण पत्र दिए जाएंगे दिल्ली कार्यक्रम के अंत में आयोजित होने वाली परीक्षा उत्तीर्ण करने पर।
कुलपति प्रो. अम्बरीश शरण विद्यार्थी एवं प्रो. राजेन्द्र कुमार करवा ने उत्पाद डिजाइन को आम आदमी की जरूरतों पर केन्द्रित करने तथा मूल्य उन्मुख उत्पादों के डिजाइन एवं निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया। प्रो करवा के अनुसार उत्पाद विश्वसनीय होने के साथ-साथ पर्यावरण अनुकूल भी होना चाहिए। प्राचार्य डॉ. जेपी भामू के अनुसार ईसीबी के इंस्ट्रूमेंटेशन विभाग द्वारा उत्पाद विकास एवं नवाचार में उल्लेखनीय कार्य तथा इस क्षेत्र में विद्यार्थियों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सराहना की तथा इसे विद्यार्थी एवं समाज उपयोगी बताते हुए इसे आगे भी जारी रखने का सुझाव दिया। संस्थान के कुलसचिव डॉ. मनोज कुड़ी ने नवाचार एवं उत्पाद विकास को राष्ट्रीय आवश्यकता बताते हुए कहा कि इससे लघु एवं मध्यम उद्योगों को काफी लाभ मिलेगा।
प्रथम दिवस के प्रथम सत्र में एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज, जोधपुर के पूर्व विभागाध्यक्ष एवं मशीन डिजाइन एवं थर्मल इंजीनियरिंग के प्रख्यात विशेषज्ञ प्रो. राजेंद्र कुमार करवा ने उत्पाद डिजाइन एवं विकास के प्रारंभिक ज्ञान के साथ डिजाइन प्रक्रिया शुरू करने से पूर्व संवेदनशील निर्णय एवं अनुकूलन की आवश्यकता पर बल दिया।
दूसरे सत्र में आईआईटी रुड़की के प्रो. ए.के. शर्मा ने उत्पाद विकास के विभिन्न चरणों की जानकारी के साथ उपभोक्ता आधारित उत्पाद प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की। उत्पाद निर्माण के विभिन्न चरणों में आवश्यक प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। पहले दिन के अंतिम सत्र में एमएनआईटी के प्रो. हरलाल सिंह माली डिजाइन ने उत्पाद डिजाइन के लिए अलग दृष्टिकोण, उपभोक्ता की मानसिकता के अनुसार संवेदनशील होकर सोचने पर जोर दिया। इस नई अवधारणा डिजाइन थिंकिंग के बल पर जयपुर के महान डॉक्टर पी.के. सेठी ने जयपुर फुट के विकास का उदाहरण बताते हुए उत्पाद विकास में डिजाइन थिंकिंग के महत्व पर अपना व्याख्यान दिया।