उदयपुर . आईआईएम उदयपुर कैंपस का शेल्टर होम प्रशासन की आंखों में धूल झोंक रहा है. कुत्तों को बंधक बनाकर रखा जा रहा है. इसकी रिपोर्ट पशु कल्याण बोर्ड को भी भेजी गई थी। इस पर 12 जनवरी 2024 को पशुपालन विभाग के अधिकारी डॉ. शक्ति सिंह जांच के लिए वहां पहुंचे तो वहां उदयपुर एनिमल फीड के डिंपल भावसार और आईआईएम के गजेंद्र सिंह राणावत मौजूद थे. डॉ. शक्ति सिंह ने खुले गेट की रिपोर्ट 8 फरवरी 2024 को राज्य पशु कल्याण बोर्ड को भेज दी. जबकि हकीकत कुछ और ही है. पशु कल्याण के लिए उदयपुर की एक संस्था के प्रतिनिधि जब 16 जनवरी 2024 और 17 जनवरी 2024 को कुत्तों को नसबंदी के लिए लेने और छोड़ने के लिए वहां पहुंचे तो उन्होंने भी देखा कि आश्रय के नाम पर कुत्तों को कैद करके रखा गया था। वही एनिमल प्रोटेक्शन सोसायटी उदयपुर का कहना है कि जानवरों को पूरा दिन बंद रखा जाता है। इससे तो यही लगता है कि यह कार्य उदयपुर पशु आहार संस्था एवं प्रशासन की मिलीभगत से तो नहीं चल रहा है? जांच के बाद भी आश्रय स्थल के गेट बंद हैं. ऐसा लगता है कि अधिकारियों के आने पर ही ये गेट दिखावे के लिए खोले जाएंगे। आईआईएम उदयपुर और उदयपुर एनिमल फीड पशु कल्याण के नाम पर अवैध काम कर रहे हैं। इसके अलावा उदयपुर एनिमल फीड का यह भी दावा है कि कुत्तों की अच्छे से देखभाल की जाती है और साफ-सफाई भी की जाती है, जो कि बिल्कुल गलत है। अंदर कुत्तों का मल पड़ा हुआ है और कुत्तों में कीड़े लगे हुए हैं। यह भी जांच का विषय है. उदयपुर एनिमल फीड जैसी संस्था जो दावा करती है कि वह बेजुबानों के कल्याण के लिए काम कर रही है तो फिर वह प्रशासन को धोखा क्यों दे रही है?