बांसवाड़ा के भुकिया जगपुरा में राजस्थान की पहली सोने की खदान की पहली नीलामी भजनलाल सरकार कराने जा रहे हैं. यह नीलामी भजनलाल सरकार के लिए एक नया इतिहास रचेगी. सरकार दो सोने की खदानों की नीलामी की तैयारी कर रही है. उम्मीद है कि एक महीने के अंदर केंद्र सरकार के ई-पोर्टल पर बिडिंग जारी कर दी जाएगी. इससे सरकार के खजाने में धन की बाढ़ आ जायेगी.
बांसवाड़ा की घाटोल तहसील में 14 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में सोने के भंडार मिले हैं। इस क्षेत्र में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अन्वेषण के दौरान पहली बार सोने के संकेत मिले थे। इस क्षेत्र में व्यापक अन्वेषण के बाद 113.52 मिलियन टन सोने के अयस्क का अनुमान लगाया गया, जिसमें 222.39 टन सोने की धातु थी। इसके अतिरिक्त, सोने के अयस्क खनन के दौरान 1,74,000 टन से अधिक तांबा, 9,700 टन से अधिक निकल और 13,500 टन से अधिक कोबाल्ट खनिज प्राप्त होगा।
ऐसा कहा जाता है कि बांसवाड़ा की घाटोल तहसील के भुकिया जगपुरा में प्रचुर मात्रा में सोने का भंडार देश के सोने के भंडार का लगभग 25% है। सोने के साथ-साथ, ये खदानें तांबा, निकल और कोबाल्ट की भी महत्वपूर्ण मात्रा प्रदान करेंगी। इससे इलेक्ट्रॉनिक्स, पेट्रोलियम, पेट्रोकेमिकल्स, बैटरी और एयरबैग जैसे विभिन्न उद्योगों में निवेश को बढ़ावा मिलेगा, जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे। तांबा उद्योग एवं इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में कच्चे माल की उपलब्धता बढ़ेगी। बैटरी उद्योग, सिक्का ढलाई और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण में तेजी का अनुभव होगा। कोबाल्ट का उपयोग एयरबैग और पेट्रोकेमिकल उद्योगों में किया जा सकता है, जिससे कच्चे माल की आपूर्ति के लिए विदेशों पर निर्भरता कम हो जाएगी।
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