पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि बलात्कार के दोषी गुरमीत राम रहीम को अदालत की अनुमति के बिना पैरोल नहीं दी जा सकती। अदालत ने राम रहीम को कई बार पैरोल दिए जाने के लिए हरियाणा सरकार की आलोचना की और अन्य कैदियों के बारे में जानकारी मांगी जिन्हें इसी तरह का व्यवहार मिला है। अदालत शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) द्वारा दायर एक याचिका पर विचार कर रही थी जिसमें जेल अधिकारियों द्वारा राम रहीम को दिए गए पैरोल को चुनौती दी गई थी। बलात्कार के लिए 20 साल की सजा काट रहे राम रहीम को गंभीर आरोपों का सामना करने के बावजूद बार-बार पैरोल दी गई है। अदालत ने इस मामले में हरियाणा सरकार से जानकारी मांगी है।